जापान के पश्चिमी तट पर एक सप्ताह पहले आए भूकंप के कारण रातोंरात बेघर हुए हजारों लोग थकान और अनिश्चितता की स्थिति में जी रहे हैं। भूकंप के कारण अब तक कम से कम 161 लोगों की मौत हो गयी है और कई लोग लापता हैं।
नए साल के दिन आए 7.6 तीव्रता वाले भूकंप के बाद बचाव प्रयास में हजारों सैनिक, दमकलकर्मी और पुलिस कर्मी शामिल हैं जिन्होंने सोमवार को मलबे में लोगों की तलाश की।
प्राधिकारियों ने इशिकावा प्रांत में नोतो प्रायद्वीप में भूस्खलन के खतरे की चेतावनी दी है, जहां भूकंप आए थे। बर्फबारी से यह खतरा बढ़ गया है। भूकंप में मरने वाले लोगों में से 70 की मौत वाजिमा, 70 की सुजु, 11 की अनामिजु और बाकी लोगों की मौत चार शहरों में हुई।
कम से कम 103 लोग अभी लापता हैं, 565 घायल हैं और 1,390 मकान ध्वस्त हो गए हैं या काफी हद तक क्षतिग्रस्त हो गए हैं। भूकंप के बाद करीब 30,000 लोग स्कूलों, सभागारों और अन्य बचाव केंद्रों में रह रहे हैं और उन्हें कोविड-19 संक्रमण के मामले तथा अन्य बीमारियां होने की चिंता है। आश्रय गृहों में लोग अब भी ठंडे फर्श पर सोने को मजबूर हैं। कई लोग थकान और चिंता से त्रस्त हैं और कई शोकाकुल हैं।