बिना लोहा-सीमेंट के राममंदिर का निर्माण

 अयोध्या का राम मंदिर न सिर्फ भव्यता के आधार पर दिव्य है बल्कि भारत को एक सूत्र में बांधने का भी कार्य कर रहा है. अयोध्या में दशकों का कठिन संघर्ष और हजारों राम भक्तों के बलिदान के बाद आज प्रभु राम का भव्य और दिव्य मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के लिए बनकर तैयार हो गया है. राम मंदिर का संपूर्ण निर्माण जनवरी 2025 तक पूरा कर लिया जाएगा लेकिन क्या आप जानते हैं कि अयोध्या के राम मंदिर में कितने घन फुट पत्थर लग रहे हैं. हर राम भक्त के मन में राम मंदिर से जुड़ी हुई चीज जानने की जिज्ञासा रहती है तो चलिए आज हम आपको बताएंगे कि आखिर अयोध्या के राम मंदिर में राजस्थान के बंसी पहाड़पुर के कितने लाख घन फुट पत्थर का इस्तेमाल किया जा रहा है.

अयोध्या के राम मंदिर का निर्माण पत्थरों से किया जा रहा है. कहीं पर भी लोहे का इस्तेमाल नहीं किया गया है. यह पत्थर भी राजस्थान के बंसी पहाड़पुर के पिंक स्टोन है. मंदिर निर्माण की सबसे खास बात यह भी है की प्रभु राम जहां विराजमान होंगे. उस गर्भ ग्रह में लगभग चार लाख 60 हजार घन फुट पत्थर लगाया गए है. इसके अलावा लगभग 21 लाख घन फुट पत्थरों से संपूर्ण मंदिर का निर्माण हो रहा है.

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि अगर केवल मंदिर की बात की जाए तो 4,75,000 घन फुट पत्थर का इस्तेमाल किया जा रहा है. जिसमें राजस्थान का मकराना मार्बल अलग है, ग्रेनाइट का मार्बल अलग है, परकोटे का पत्थर अलग है. अगर सब मिला लिया जाए तो संपूर्ण मंदिर के निर्माण में लगभग 21 लाख से 22 लाख घन फुट पत्थर मंदिर में खर्च हो जाएंगे.

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