सुप्रीम कोर्ट का फैसलाअल्लाह का निर्णय नहीं,PDP प्रमुख

जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने की वैधता पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती का भी बयान आया है। पीडीपी प्रमुख का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला दिया है वह अल्लाह का निर्णय नहीं है। उन्होंने जम्मू कश्मीर के लोगों से अपील की है कि वह उम्मीद ना छोड़े।

उन्होंने कहा है कि हमें हिम्मत नहीं हारनी है। हमें जान और माल का काफी नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के लोगों ने कई वर्षों तक जद्दोजहद की है। यही कारण रहा है कि जम्मू कश्मीर को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। उन्होंने कहा कि हमारा जो भी कुछ खोया है हम उसे सूद समेत हासिल करके ही दम लेंगे। सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ द्वारा लिए फैसले को लेकर महबूबा मुफ्ती ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट भगवान नहीं है। उन्होंने कहा कि किसी जज ने यह फैसला दे दिया है तो इसे हम खुद का हुकुम नहीं मानेंगे। 

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट की पांच चीजों की संविधान पीठ ने सोमवार को ही केंद्र सरकार के 5 अगस्त 2019 को संसद में पारित कराए गए फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसला सुनाया था। इस फैसले को सुनने से पहले सुप्रीम कोर्ट ने कई याचिकाओं पर लगातार सुनवाई की थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था की धारा 370 को हटाने का फैसला गलत नहीं है और केंद्र सरकार ऐसा कर सकती है।

सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 370 को हटाने पर फैसला सुनाते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा (अनुच्छेद 370) खत्म करने का राष्ट्रपति का आदेश ‘वैध’ है। भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ में न्यायमूर्ति एसके कौल, संजीव खन्ना, बीआर गवई और सूर्यकांत भी शामिल थे। 

सुप्रीम कोर्ट ने इस दौरान पूर्ववर्ती राज्य जम्मू कश्मीर को विशेष दर्ज दिए जाने वाले अनुच्छेद 370 को रद्द किए जाने के केंद्र सरकार के फैसले को बरकरार रखने के आदेश दिए थे। इस संबंध में जस्टिस कौल और खन्ना ने अपने फैसले अलग-अलग लिखे। जस्टिस संजय किशन कौल ने अपने अलग फैसले में कश्मीरी पंडितों के पलायन और आतंकवाद का भी जिक्र किया। जस्टिस कौल ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा, सेनाएं राज्य के दुश्मनों के साथ लड़ाई लड़ने के लिए होती हैं, न कि वास्तव में राज्य के भीतर कानून और व्यवस्था की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए, लेकिन तब ये अजीब समय था। जस्टिस खन्ना ने फैसला सुनाते हुए कहा कि आर्टिकल 370 असममित संघवाद का उदाहरण है। यह जम्मू-कश्मीर की संप्रभुता का सूचक नहीं है।

Steve also provides website copy and documents for various business clients and is available for research projects and freelance work. The man died when his car was in collision with a lorry at about 4. The school flourished in the 17th century under the mastership of Thomas Smelt, and notable alumni of that period include theologian George Hickes, historiographer royal Thomas Rymer, John Radcliffe, doctor to King William of Orange and theologian Thomas Burnet.

Related Articles

Back to top button