
भाजपा विधायक रामदुलार गोंड को किशोरी से दुष्कर्म के मामले में दोषी पाए जाने पर शुक्रवार को एमपी-एमएलए कोर्ट ने सजा सुनाई। कोर्ट ने विधायक को 25 साल की सजा और 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। अथदंड की राशि पीड़िता को दी जाएगी। न्याय पाने के लिए पीड़िता के परिवार को लंबा संघर्ष करना पड़ा। इस मामले में आठ साल तक सुनवाई चली। उसके बाद बीते 12 दिसंबर को विधायक को दोषी करार देते हुए कोर्ट ने न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा था।
अथदंड की राशि पीड़िता को दी जाएगी। न्याय पाने के लिए पीड़िता के परिवार को लंबा संघर्ष करना पड़ा। इस मामले में आठ साल तक सुनवाई चली। उसके बाद बीते 12 दिसंबर को विधायक को दोषी करार देते हुए कोर्ट ने न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा था
जानिए क्या है पूरा मामला दरअसल, यह मामला साल 2014 का है। विधायक उस समय अपने गांव के प्रधानपति थे। पीड़िता भी उनके ही गांव की रहने वाली है। पीडिता द्वारा आरोप लगाया कि था कि नवंबर 2014 में रामदुलार गोंड ने उसके साथ जबरन रेप किया था। आरोप है कि दुष्कर्म के बाद पीड़िता गर्भवती हो गई थी।
विधायक के चंगुल से छूटने के बाद पीड़िता ने अपने घरवालों को आपबीती बताई तो उसके भाई ने मुकदमा दर्ज कराया। मामले में न्यायालय में सुनवाई चलती रही, इसी बीच साल 2022 में रामदुलार गोंड के विधायक बन जाने के बाद मामला एमपी-एमएलए कोर्ट में ट्रांसफर हो गया।
न्याय पाने के लिए 9 साल तक सुनवाई होती रही और करीब 300 से ज्यादा बार सुनवाई हुई। बीते आठ नवंबर को इस मामले में दोनों पक्ष के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था और अगली तारिख 12 दिसंबर नियत की थी। 12 दिसंबर को कोर्ट द्वारा विधायक को दोषी करार दिया गया। उसके बाद आज सजा सुनाई गई।
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