प्रणब मुखर्जी को कैबिनेट से राजीव गांधी ने क्यों निकाला था?

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी की किताब ‘प्रणब माई फादर: ए डॉटर रिमेम्बर्स’ इस समय खासे चर्चा में है। शर्मिष्ठा मुखर्जी ने अपनी इस किताब में प्रणब मुखर्जी और गांधी परिवार के बीच संबंधों का खुलासा किया है। उन्होंने प्रणब मुखर्जी के प्रधानमंत्री बनने की इच्छा से लेकर राहुल गांधी की राजनीति परिपक्वता तक पर खुलकर बात की

इस बीच उन्होंने प्रणब मुखर्जी से राजीव गांधी और सोनिया गांधी के संबंधों को लेकर नया खुलासा किया है। प्रेस वार्ता में पत्रकारों से बात करते हुए पूर्व राष्ट्रपति की बेटी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने भरोसे में कमी के कारण उनके पिता को अपने मंत्रिमंडल से हटा दिया था।

शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि राजीव गांधी या सोनिया गांधी मेरे पिता के बारे में क्या महसूस करते थे, यह तो वे ही बता पाएंगे। लेकिन मेरे पिता के खुद के विश्लेषण के अनुसार, यह बात साफ थी कि विश्वास की कमी थी। उन्होंने अपने नोट्स में लिखा था कि राजीव गांधी को शायद लगा कि मैं एक सख्त आदमी हूं, जो आंखें मूंदकर किसी की भी बात नहीं मानूंगा।

उन्होंने कहा कि यही कारण था कि उन्हें मंत्रिमंडल से हटा दिया गया। बाद में सोनिया गांधी को भी लगा होगा कि एक दिन बाबा उनके अधिकार को चुनौती देंगे। उन्होंने अपनी पुस्तक में लिखा है कि प्रणब मुखर्जी, राजीव गांधी के लिए मुख्य चुनौतीकर्ता के रूप में उभर सकते थे। इसलिए उन्हें साइड कर दिया गया। इंदिरा जी और राजीव जी, दोनों के कैबिनेट में रहे प्रणब मुखर्जी के सहयोगी रहे एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि उन्हें महसूस होता था कि बाबा (पिता) राजीव गांधी की सत्ता के लिए चुनौती बन सकते थे।

शर्मिष्ठा मुखर्जी ने आगे कहा कि उनके पिता प्रणब मुखर्जी कहा करते थे कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के साथ उनका कार्यकाल उनके राजनीतिक जीवन का ‘स्वर्णिम काल’ था। उन्होंने यह भी कहा कि देश के राष्ट्रपति के रूप में उनके पिता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक टीम के रूप में काम किया। पुस्तक के विमोचन पर कांग्रेस नेताओं के नहीं पहुंचने से शर्मिष्ठा मुखर्जी ने दुख जताया।

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