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गुरुग्राम:मनी लॉन्ड्रिंग केस में सीबीआई के पूर्व जज गिरफ्तार

  • एम3एम केस में आरोपियों की मदद करने का लगा आरोप
  • 27 अप्रैल 2023 को किए गए थे निलंबित

गुरुग्राम। मनी लॉन्ड्रिंग के केस में निलंबित चल रहे सीबीआई पंचकूला के स्पेशल जज सुधीर परमार को गुरुग्राम से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया है। उन पर आरोप हैं कि वे इस मामले में आरोपियों की मदद कर रहे थे। इसी केस में उन्हें 27 अप्रैल 2023 को सस्पेंड किया गया था।

अप्रैल 2023 में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला हरियाणा पुलिस के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) द्वारा पंचकूला में विशेष पीएमएलए अदालत में तैनात विशेष सीबीआई जज सुधीर परमार, उनके भतीजे अजय परमा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। उन पर रियल एस्टेट कंपनी आईआरईओ ग्रुप और एम3एम ग्रुप से जुड़े एक मामले में रिश्वत लेने का आरोप है।

उन्हें गुरुग्राम से प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत कस्टडी में लिया गया। उन्हें शुक्रवार को अदालत के समक्ष पेश किया जा सकता है। ईडी उन्हें कस्टोडियल रिमांड पर लेने का प्रयास करेगी, ताकि उनसे इस मामले में गहनता से पूछताछ की जा सके। ईडी ने इससे पहले परमार के भतीजे अजय परमार, रियल एस्टट कंपनी के दो प्रमोटर्स बसंत बंसल, पंकज बसंल और आईआरईओ के मालिक एवं एमडी ललित गोयल को गिरफ्तार किया था।

मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला अप्रैल में हरियाणा पुलिस के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) द्वारा पंचकूला में विशेष पीएमएलए अदालत में तैनात विशेष सीबीआई जज सुधीर परमार उनके भतीजे अजय परमार के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर से जुड़ा है। ईडी को अति विश्वस्त सूत्रों से पता चला था कि निलंबित जज सुधीर परमार ईडी के आपराधिक और अन्य मामलों में आरोपियों रूप कुमार बंसल, उनके भाई बसंत बंसल और आईआरईओ के ललित गोयल की मदद कर रहे थे। इन सभी आरोपियों का मामला उनकी ही अदालत में लंबित है।

जज परमार पर आरोप हैं कि आधिकारिक पद के दुरुपयोग और अदालत में लंबित मामलों में आरोपियों से अनुचित लाभ या रिश्वत की मांग गई। इस मामले में केस दर्ज होने के बाद पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने परमार को सस्पेंड कर दिया था। ईडी की टीम ने सभी आरोपों के चलते निलंबित जज सुधीर परमार को गुरुग्राम से गिरफ्तार कर लिया है, ताकि उनसे इस मामले में गहनता से पूछताछ की जा सके।

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