
दिल्ली विश्वविद्यालय का कैंपस ऑफ ओपन लर्निंग (सीओएल) कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी प्रेस के सहयोग से अंग्रेजी स्पीकिंग का ऑनलाइन सर्टिफिकेट कोर्स शुरु करने जा रहा है। इसकी खास बात यह है कि देश में से कहीं से भी इसे ऑनलाइन पढ़ा जा सकेगा।
अंग्रेजी बोलने में झिझकने वाले अब फर्राटेदार अंग्रेजी बोल व लिख सकेंगे। दिल्ली विश्वविद्यालय का कैंपस ऑफ ओपन लर्निंग (सीओएल) कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी प्रेस के सहयोग से अंग्रेजी स्पीकिंग का ऑनलाइन सर्टिफिकेट कोर्स शुरु करने जा रहा है। इसकी खास बात यह है कि देश में से कहीं से भी इसे ऑनलाइन पढ़ा जा सकेगा। सर्टिफिकेट कोर्स पूरा करने पर छात्र को कैम्ब्रिज व सीओएल का संयुक्त सर्टिफिकेट मिलेगा। दाखिला देने से पहले छात्र का आकलन कर उसे लेवल दिया जाएगा।
कैंपस ऑफ ओपन लर्निंग ईजी कम्यूनिकेशन इन अंग्रेजी नाम से कोर्स शुरु करने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए जल्द ही कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी प्रेस के साथ एमओयू साइन होगा। डीयू के दूरस्थ एवं सतत शिक्षा विभाग के कैंपस ऑफ ओपन लर्निंग की निदेशक प्रो पायल मागो ने बताया कि अक्सर छात्र को अंग्रेजी की समझ होती है लेकिन वह अंग्रेजी बोलने में झिझक महसूस करते हैं, उससे उसके आत्मविश्वास में भी कमी आती है। ऐसे में इस कोर्स को शुरु किया जा रहा है। सितंबर से इस कोर्स के दाखिले शुरु करने की तैयारी है। इस कोर्स की खास बात यह होगी कि देश में कहीं से भी छात्र इस कोर्स की पढ़ाई ऑनलाइन कर पाएंगे। इसके लिए उसे शारीरिक रूप से कक्षाओं में उपस्थित होने की आवश्यकता नहीं है।
इसका पाठ्यक्रम क्रैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी प्रेस के साथ मिलकर विकसित किया गया है। यह पाठ्यक्रम अभी तक विदेशों के हिसाब से था, लेकिन अब उसे भारतीय छात्रों के हिसाब से विकसित किया जा रहा है। अभी यह पूरी तरह से ऑनलाइन कोर्स है। बाद में इसे ऑफलाइन रूप में भी शुरू करने पर विचार हो रहा है।
1000 से 1200 रुपये फीस का भुगतान करना होगा
इस पाठ्यक्रम के दो से तीन लेवल होंगे। अभी प्रशासन ने लेवल के अनुसार 1000 से 1200 रुपये तक फीस तय की है। प्रशासन का कहना है कि यह काफी कम फीस है, इसलिए किसी भी छात्र की जेब पर भारी नहीं पड़ेगी। इतनी कम फीस में तीन माह का कोर्स नहीं कराया जाता है। अन्य संस्थानों में अंग्रेजी बोलने वाले कोर्स की फीस काफी अधिक होती है।
पहले मूल्यांकन टेस्ट होगा फिर मिलेगा लेवल
कोर्स में दाखिला देने से पहले एक ऑनलाइन लिंक पर छात्र का मूल्यांकन होगा। उसके आधार पर ही छात्र का स्तर तय किया जाएगा। छात्र के स्तर के हिसाब से दाखिला मिलेगा और उसे फीस का भुगतान करना होगा। अभी दो से तीन लेवल तय करने पर विचार किया जा रहा है। इनके नाम तय होना भी बाकी है।