Nitin Desai Death: हिंदी सिनेमा का वह ‘देवदास’ चला गया, जो ‘माचिस’ की आंच से बनाता था ‘दिलजले’

नितिन देसाई कर्ज में डूबे हुए थे। उससे उबरने के लिए उन्हें अमिताभ बच्चन का उदाहरण भी दिया गया था। फिर भी उन्होंने मौत को गले लगा लिया, लेकिन क्यों? क्यों उन्होंने जिंदगी से हार मान ली? आइए जानते हैं… 

सिनेमा की दुनिया का एक ‘परिंदा’ आज (2 अगस्त) इस जहां को अलविदा कह गया। यह वही परिंदा था, जिसने अपनी कलाकारी से दुनिया को ‘1942: ए लव स्टोरी’ दिखाई तो जमाने ने ‘आ गले लग जा’ कह दिया। दरअसल, उनके ‘वजूद’ में कुछ नया कर दिखाने का इतना ‘बारूद’ था कि ‘माचिस’ की आंच से ही वह ‘दिलजले’ बनाने में माहिर हो गए थे। बात हो रही है बॉलीवुड के उस ‘देवदास’ की, जिन्होंने ‘लगान’ के चक्कर में ‘आर या पार’ का रास्ता चुन लिया। सही सुना आपने सिनेमा की दुनिया के मशहूर क्रिएटिव डायरेक्टर नितिन चंद्रकांत देसाई ने इस दुनिया से विदा ले ली है। उनका शव करजत के उसी एनडी स्टूडियो में फंदे पर लटका मिला, जिसमें उन्होंने अपने सपने संजोए थे। अब सवाल उठता है कि हिंदी सिनेमा की तमाम फिल्मों को सजाने वाले नितिन देसाई इस कदर कैसे टूट गए कि उनके कदम खौफनाक रास्ते की ओर चल पड़े? बॉलीवुड का एक उम्दा कलाकार बेहतरीन काबिलियत होने के बाद भी आर्थिक तंगी का शिकार कैसे हो गया? अगर ये तमाम सवाल आपके भी जेहन में हैं तो यह रिपोर्ट खास आपके लिए तैयार की गई है।

कहां से शुरू हुआ नितिन का सफर?

नितिन देसाई की शुरुआती पढ़ाई लिखाई मुलुंड स्थित वामनराव मुरंजन हाई स्कूल से हुई थी। वहीं, फोटोग्राफी के दांव-पेच उन्होंने जेजे स्कूल ऑफ आर्ट्स और एलएस रहेजा स्कूल ऑफ आर्ट्स से सीखे थे। इसके बाद उन्होंने मुंबई की फिल्म सिटी का रुख कर लिया। यह वह दौर था, जब स्टिल फोटोग्राफी 2डी से 3डी की दुनिया में शिफ्ट हो रहा था। उन्होंने उस जमाने के मशहूर आर्ट डायरेक्टर नीतीश रॉय को बतौर फोर्थ असिस्टेंट जॉइन कर लिया। 

वक्त की अहमियत समझते थे नितिन

साल 1987 में नितिन ने टीवी की दुनिया से अपने सफर की शुरुआत की और सबसे पहले गोविंद निहलानी के टीवी शो ‘तमस’ में काम किया। उनके सहयोगी बताते हैं कि नितिन वक्त की अहमियत बखूबी समझते थे। तमस की शूटिंग के दौरान वह लगातार 13 दिन और 13 रात तक उसी सेट पर रुके थे। उस वक्त उन्हें नहाने में जो 15 मिनट लगते थे, उसे भी वह वक्त की बर्बादी मानते थे। इसके बाद उन्होंने करीब साढ़े पांच साल तक टीवी सीरीज कबीर पर काम किया। वहीं, टीवी शो चाणक्य के शुरुआती 25 एपिसोड में बतौर सहयोगी जुड़े रहे। 26वें एपिसोड से उन्होंने इस सीरियल की जिम्मेदारी बखूबी संभाली। जब उनके कदम बॉलीवुड में पड़े तो उन्होंने हम दिल दे चुके सनम, लगान, देवदास, जोधा अकबर और प्रेम रतन धन पायो समेत तमाम फिल्मों के सेट डिजाइन किए। उन्होंने बेस्ट आर्ट डायरेक्शन का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार चार बार अपने नाम किया। उनकी कलाकारी आखिरी बार फिल्म पानीपत में नजर आई थी।

हॉलीवुड से है एनडी स्टूडियो का कनेक्शन

नितिन देसाई ने 2005 के दौरान मुंबई के करजत में 43 एकड़ एरिया में एनडी स्टूडियो बनाया, जिसका कनेक्शन हॉलीवुड से है। बता दें कि इसका खुलासा नितिन देसाई ने खुद एक इंटरव्यू में किया था। उन्होंने बताया था कि अमेरिकन फिल्म डायरेक्टर ओलिवर स्टोन ने उन्हें काम करने का ऑफर दिया था। ओलिवर स्टोन भारत आए थे और नितिन देसाई के साथ नौ दिन तक लद्दाख, उदयपुर और महाराष्ट्र आदि में घूमे थे। दरअसल, ओलिवर स्टोन को ब्रैड पिट के साथ एलेक्जेंडर-द ग्रेट फिल्म बनानी थी, जिसका कुछ हिस्सा भारत में शूट होना था। हालांकि, अच्छा स्टूडियो नहीं मिलने की वजह से यह प्रोजेक्ट भारत में परवान नहीं चढ़ पाया। इसके बाद ही नितिन देसाई ने एनडी स्टूडियो तैयार कराया, जिसमें 25 हजार वर्ग फीट का इनडोर फ्लोर है। 

एनडी स्टूडियो में हुई कई फिल्मों की शूटिंग

बता दें कि एनडी स्टूडियो में बॉलीवुड की कई बड़े बजट की फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है। हालांकि, सबसे पहले यहां मंगल पांडे द राइजिंग की शूटिंग हुई थी। इसके अलावा फिल्म ‘प्रेम रतन धन पायो’ के लिए तो स्टूडियो में एक करोड़ रुपये खर्च करके कांच का शीशमहल बनवाया गया था। वहीं, मधुर भंडारकर की ‘ट्रैफिक सिग्नल’ और आशुतोष गोवारिकर की ‘जोधा अकबर’ फिल्में भी एनडी स्टूडियो में ही शूट हुई थीं। साथ ही, सलमान खान की कई फिल्मों वॉन्टेड, बॉडीगार्ड और किक आदि भी यहीं शूट हुईं। 

कोरोना महामारी ने नितिन देसाई को किया बदहाल?

अब सवाल उठता है कि सिनेमा की दुनिया के इतने काबिल शख्स ने आखिर मौत को गले क्यों लगाया? जवाब के रूप में अब तक सिर्फ एक ही बात सामने आई है और वह कर्ज है। बताया जा रहा है कि नितिन देसाई ने साल 2016 और 2018 के दौरान ईसीएल फाइनेंस से करीब 185 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था। कहा जाता है कि कोरोना महामारी के दौरान जब लॉकडाउन लगा तो नितिन देसाई की आर्थिक स्थिति बिगड़ने लगी। उन्होंने इससे निपटने के लिए काफी कोशिशें कीं, लेकिन वह पार नहीं पा सके। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब हालात इतने बिगड़ चुके थे कि पिछले सात महीने से वह अपने स्टाफ को सैलरी नहीं दे पाए थे। स्टूडियो मैनेजर समेत ज्यादातर स्टाफ तो नौकरी छोड़कर जा चुका था। पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, नितिन देसाई पर इस वक्त 252 करोड़ रुपये का कर्ज था और बैंक करप्टसी कोर्ट ने पिछले सप्ताह ही दिवालिया घोषित करने के उनके अनुरोध को स्वीकार किया था।  

अमिताभ का उदाहरण भी नहीं आया काम

इस मामले में नितिन देसाई के करीबी दोस्त और बीजेपी के महासचिव विनोद तावड़े ने बताया कि कर्ज के मसले को लेकर नितिन और मेरे बीच अक्सर बातचीत होती रहती थी। मैंने उसे अमिताभ बच्चन का उदाहरण देते हुए कहा था कि बिग बी पर भी काफी ज्यादा कर्ज था, लेकिन उन्होंने वापसी की थी। हमने नितिन से यह भी कहा था कि अगर कर्ज की वजह से स्टूडियो चला भी जाता है तो वह नई शुरुआत कर सकते हैं। अब उनके निधन की खबर सुनकर काफी दुख हुआ।

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