यूपी में 9 प्रस्तावों पर मुहर

लखनऊ। उत्तर प्रदेश को एक्सप्रेसवे प्रदेश बनाने की दिशा में तेजी से काम चल रहा है। योगी आदित्यनाथ सरकार की ओर से लगातार प्रदेश में कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने की योजना पर काम किया जा रहा है। अब तक प्रदेश में 6 एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। इस पर वाहन तेज रफ्तार में दूरी तय करने लगे हैं। वहीं, 6 एक्सप्रेसवे के निर्माण की प्रक्रिया को पूरा कराया जा रहा है। इन परियोजनाओं के अलावा 9 नए एक्सप्रेसवे की परियोजना को जमीन पर उतारने की तैयारी शुरू कर दी गई है। इससे प्रदेश की स्थिति में बड़ा बदलाव तय माना जा रहा है।

यूपी सरकार अब एक्सप्रेसवे के निर्माण में नया रिकॉर्ड बनाने की तैयारी में है। सरकार की ओर से 9 नए एक्सप्रेसवे के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। नए एक्सप्रेसवे के निर्माण की प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही इनकी संख्या 12 से बढ़कर 21 हो जाएगी। अभी प्रदेश के 6 एक्सप्रेसवे संचालित हैं। वहीं, छह का निर्माण कार्य चल रहा है।

उत्तर प्रदेश इंडस्ट्रियल एक्सप्रेसवे डेवलपमेंट अथॉरिटी (UPIEDA) की ओर से योजना पर काम शुरू किया गया है। यूपीडा के एसीईओ श्रीहरि प्रताप शाही का कहन है कि सीएम योगी की योजना प्रदेश के हर जिले को देश के किसी भी भाग से हाईस्पीड कनेक्टिविटी देने की है। सीएम की योजना के आधार पर एक्सप्रेसवे का निर्माण की गति को तेज किया जा रहा है। इसी क्रम में 9 नए एक्सप्रेसवे के निर्माण की तैयारी है। इससे प्रदेश में औद्योगिक विकास की गति को तेज किया जा सकेगा।

प्रदेश में एक्सप्रेसवे की नई परियोजनाओं पर 20 हजार करोड़ से अधिक खर्च किए जाने की तैयारी की जा रही है। नए प्रस्तावित एक्सप्रेसवे में रीवा लिंक एक्सप्रेसवे, मेरठ-हरिद्वार एक्सप्रेसवे और लखनऊ लिंक एक्सप्रेसवे के साथ-साथ गोरखपुर-सिल्लीगुड़ी एक्सप्रेसवे एवं गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे प्रमुख हैं।

प्रदेश में अभी छह एक्सप्रेसवे संचालित हैं। इसमें से दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे का निर्माण एनएचएआई की ओर से कराया गया है। अभी बन रहे 6 एक्सप्रेसवे में से तीन यूपीडा और तीन एनएचएआई की ओर से तैयार कराया जा रहा है। प्रस्तावित 9 एक्सप्रेसवे में सात का निर्माण यूपीडा के जरिए कराए जाने की तैयारी है। वहीं, दो एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य एनएचएआई के स्तर पर कराया जाएगा। इसमें गोरखपुर-सिल्लीगुड़ी एक्सप्रेसवे और गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे शामिल हैं। दोनों एक्सप्रेसवे यूपी की तस्वीर को बदलने वाले साबित होंगे।

यूपी सरकारक की ओर 2063 किलोमीटर की लंबाई के एक्सप्रेसवे के निर्माण का प्रस्ताव तैयार किया गया है। इन नौ एक्सप्रेसवे के बन जाने के बाद प्रदेश में कुल 4374 किलोमीटर की लंबाई में एक्सप्रेसवे हो जाएगा। देश में यह किसी भी राज्य से अधिक होगा। इस स्तर तक आने में दूसरे राज्यों को पांच साल से अधिक का समय लग जाएगा।

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