चक्रवात रेमल पूर्वोत्तर राज्यों में बड़ा कहर ढा रहा है। रेमल का असर पूर्वोत्तर के सभी राज्यों में देखा जा रहा है। इस चक्रवाती तूफान के कारण मणिपुर नगालैंड मिजोरम असम और मेघालय में भारी तबाही आ गई है। बाढ़ के कारण मणिपुर के इंफाल में लोग काफी प्रभावित हुए हैं। यहां इंफाल नदी में बाढ़ आ गई है जिसे पानी ऊफान पर है और लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बाढ़ के पानी के कारण निचले इलाकों में बसे घरों में भी पानी घुस गया है। सुरक्षित रहने के लिए लोगों ने कम्युनिटी हॉल में शरण ली है।
अधिकारियों का कहना है कि इंफाल में नामबूल नदी उफान पर है। तूफान के कारण लगातार बारिश हो रही है, जिस कारण 86 जगहों पर बाढ़ के हालात बने हुए है। मणिपुर में नदी के उफान पर होने के कारण कई जिलों में पानी भर गया है। कई इलाकों में बाढ़ आ गई है। इंफाल में लगातार बारिश हो रही है जिस कारण पश्चिम जिले के खुमान लम्पक, नगरम, सागोलबंद, उरीपोक, केसामथोंग और पाओना इलाकों में पानी भर गया है।
वहीं असम में भी चक्रवाती तूफान का कहर देखने को मिल रहा है। यहां कई नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। जलस्तर बढ़ने से कई जिलों में बाढ़ आ गई है। बाढ़ के कारण कई लोग प्रभावित हुए है। अधिकारियों की मानें तो बाढ़ से नगांव, हैलाकांडी, कार्बी आंगलोंग,करीमगंज, कछार, होजाई, गोलाघाट और पश्चिम कार्बी आंगलोंग प्रभावित हुए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि दीमा हसाओ के 11 गांवों में, कछार के तीन और हैलाकांडी के एक गांव में भूस्खलन की खबर है। उन्होंने बताया कि कछार जिले के सिलचर और उधारबोंड में भी भारी पैमान पर कटान की सूचना है। बराक घाटी के करीमगंज, कछार और हैलाकांडी जिलों में बराक नदी तथा इसकी सहायक नदियां लोंगई, कुशियारा, सिंगला और कटाखल कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। उन्होंने बताया कि करीमगंज में चार तटबंध भी क्षतिग्रस्त हो गए, जहां सबसे अधिक 26,430 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। कछार में कुल 8,351 लोग और हैलाकांडी में 6,227 लोग प्रभावित बाढ़ से प्रभावित हैं।