महाकुम्भ : सुरक्षा में 50,000 पुलिसकर्मी होंगे तैनात

प्रयागराज। प्रयागराज में 2025 में आयोजित होने वाला महाकुंभ मेला अत्यधिक सुरक्षा व्यवस्था के तहत होगा, ताकि संभावित खतरों से निपटा जा सके। उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि इस मेले में सुरक्षा के लिए 50,000 पुलिस कर्मियों को तैनात किया जाएगा। सुरक्षा व्यवस्था का उद्देश्य आतंकी खतरों, साइबर हमलों, दुष्ट ड्रोन गतिविधियों और मानव तस्करी जैसी चुनौतियों से निपटना है।

प्रशांत कुमार ने कहा कि वह इस विशाल आयोजन के लिए सुरक्षा तैयारियों की व्यक्तिगत रूप से निगरानी कर रहे हैं। महाकुंभ मेला 2025 में लगभग 45 करोड़ तीर्थयात्रियों के आने की संभावना जताई जा रही है, जो इस आयोजन को दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक मेलों में से एक बनाता है।

इस मेले की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए पुलिस कर्मियों के अलावा, तकनीकी और ड्रोन आधारित निगरानी, त्वरित प्रतिक्रिया टीमों और साइबर सुरक्षा पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसके साथ ही, आतंकवाद, मानव तस्करी और अन्य खतरों से निपटने के लिए एक समग्र सुरक्षा योजना तैयार की जा रही है, ताकि इस मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को सुरक्षित माहौल मिले।

डीजीपी ने आगे कहा कि इस साल के कुंभ का लक्ष्य अत्यधिक डिजिटल होना है, जिसमें कानून प्रवर्तन एआई-सक्षम कैमरे और ड्रोन जैसी उन्नत प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाएगा। दुष्ट ड्रोनों की प्रभावी ढंग से पहचान करने और उन्हें निष्क्रिय करने के लिए विशिष्ट रणनीतियाँ मौजूद हैं। कुमार ने कहा, इसके अतिरिक्त, साइबर अपराध के बढ़ते खतरे को देखते हुए, पुलिस तीर्थयात्रियों को साइबर आपराधिक गतिविधियों से बचाने के लिए मजबूत उपाय लागू कर रही है।

डीजीपी ने कहा कि महाकुंभ से पहले, पुलिस बल ने तीर्थयात्रियों को साइबर धोखाधड़ी और अपराधों से बचाने के लिए फ्यूचर क्राइम रिसर्च फाउंडेशन के निजी विशेषज्ञों की एक टीम को काम पर रखा है और साइबर वर्ल्ड गश्त के लिए आईआईटी कानपुर के साथ समझौता किया है। हमने पहली बार महाकुंभ क्षेत्र में साइबर थाने की स्थापना की है। हमने साइबर गश्त और साइबर सुरक्षा नेटवर्क का विश्लेषण करने के लिए I4C और CERT-IN जैसी राष्ट्रीय एजेंसियों को शामिल किया है। वे डेटा सुरक्षा पर भी काम करेंगे।

प्रयागराज में 2025 के महाकुंभ मेला के दौरान भीड़ प्रबंधन और यातायात योजना को विशेष महत्व दिया जाएगा, क्योंकि यह मेला अत्यधिक भीड़ और तीर्थयात्रियों की भारी संख्या को आकर्षित करता है। इस संदर्भ में, उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार ने बताया कि यातायात के सुचारु संचालन और भीड़ नियंत्रण के लिए व्यापक निगरानी की जाएगी। उन्होंने कहा कि यातायात आंदोलन पर बारीकी से निगरानी रखी जाएगी और भीड़भाड़ के स्रोत पर प्रभावी उपाय किए जाएंगे।

इस सुरक्षा योजना के तहत, लगभग 2,700 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिनमें एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) सक्षम कैमरे भी शामिल हैं। इन कैमरों में विशेष पैरामीटर फीड किए गए हैं, जो भीड़ घनत्व, आंदोलन, प्रवाह, बैरिकेड जंपिंग (बैरिकेड को कूदना), आग और धुआं जैसी स्थितियों के बारे में तत्काल अलर्ट जारी करेंगे।

यह तकनीकी उपाय सुनिश्चित करेंगे कि सुरक्षा बलों को किसी भी अप्रत्याशित घटना या आपात स्थिति का त्वरित पता चल सके, और समय रहते आवश्यक कदम उठाए जा सकें। इस तरह की निगरानी और भीड़ प्रबंधन से महाकुंभ मेला में श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी और उनके यात्रा अनुभव को सुगम बनाया जाएगा।

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