काशी में दर्शन के लिए लगी 5 किमी लंबी लाइन

वाराणसी। काशी में महाकुंभ के तीर्थयात्रियों का दबाव कम होने की जगह दिन पर दिन बढ़ता ही जा रहा है। हाइवे से लेकर पूरे शहर की सड़कें श्रद्धालुओं के रेले और वाहनों से पट गईं। वाराणसी कैंट रेलवे स्‍टेशन पर इस कदर भीड़ उमड़ी कि सुबह से रात तक प्‍लेटफॉर्म खचाखच भरे रहे। स्‍टेशन के बाहरी हिस्‍से में भी चारों तरफ सिर्फ लोग ही लोग नजर आ रहे हैं।

उधर, चंदौली के पीडीडीयू (मुगलसराय) रेलवे स्‍टेशन पर भी सुबह से ही लगभग एक लाख की भीड़ जमा रहने से व्‍यवस्‍था चरमरा गई। नई दिल्‍ली रेलवे स्‍टेशन पर हुए हादसे के बाद रेलवे स्‍टेशन पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। स्‍टेशनों पर भीड़ प्रबंधन के लिए बाहर से आए जो अधिकारी वापस चले गए थे, उन्‍हें वापस बुलाया गया है।

भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आरपीएफ, जीआरपी के साथ वाणिज्य विभाग, स्‍वास्‍थ्‍य, सिग्‍नल, कैरेज सहित अन्‍य विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ ही स्वास्थ्य, सिग्नल, कैरेज सहित अन्‍य विभागों के अधिकारी और कर्मचारी भी लगाए गए हैं।

वीकेंड पर करीब 15 लाख श्रद्धालुओं के काशी आने से आधा शहर पैदल श्रद्धालुओं की भीड़ से पटा रहा तो बाकी हिस्‍से में वाहनों का दबाव बना रहा। हाइवे से लेकर शहर तक की सड़कों पर पैदल चलना भी मुश्किल रहा। काशी विश्‍वनाथ धाम और कालभैरव दर्शन के लिए सुबह से शाम तक पांच किलोमीटर लंबी लाइन लगी रही। बाबा विश्‍वनाथ का दर्शन करने में छह से सात घंटे का वक्‍त लग रहा है।

गंगा घाट भी श्रद्धालुओं से पटे हैं। काशी के गलियों वाले पुराने इलाके यानी पक्‍का महाल के लोग बेहाल हैं। घरों से निकलना तो दूर, दूध-सब्‍जी के लिए तरसते लोग अब ‘त्राहिमाम’ करने लगे हैं। उधर, प्रयागराज की ओर से हजारों की संख्‍या में लगातार वाहनों के आने से हाइवे पर भीषण जाम लगा है। शहर की सीमा पर बड़े वाहन रोके जा रहे हैं लेकिन चार पहिया वाहनों के चलते लहरतारा, बौलिया तिराहा से लेकर कैंट-रोडवेज मार्ग, अंधरापुल होते हुए चौकाघाट की सड़कों पर वाहन रेंगते रहे।

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