
नई दिल्ली। म्यांमार में ऑनलाइन धोखाधड़ी सेंटर्स से रिहा किए गए करीब 300 भारतीयों को थाईलैंड होते हुए भारत लाया गया। म्यांमार सरकार ने चीन के दबाव में इन सेंटर्स पर कार्रवाई तेज की है। भारतीय अधिकारी सात बसों के काफिले के साथ इन नागरिकों को म्यांमार-थाईलैंड सीमा से माई सोत एयरपोर्ट तक लाए।
भारतीय वायुसेना के सी-17 विमान ने 266 पुरुषों और 17 महिलाओं को लाया गया, जबकि दूसरी उड़ान मंगलवार को 257 और नागरिकों को लेकर आएगी। म्यांमार के इन स्कैम केंद्रों में हजारों विदेशी मजदूर काम कर रहे थे, जिन्हें झूठे वादों से फंसाया गया और दुर्व्यवहार झेलना पड़ा। चीन अब तक 2,000 से अधिक नागरिकों को वापस ला चुका है।
वापस लाए गए लोग आंध्र, तेलंगाना, महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब, यूपी और बंगाल सहित कई राज्यों से हैं। यह तुरंत पता नहीं चल पाया कि विमान भारत में कहां उतरा। तेलंगाना के करीमनगर जिले के रंगपेटा के मूल निवासी के मधुकर रेड्डी ने फोन पर बताया कि भारतीय दूतावास के अधिकारियों और म्यांमार के सीमा रक्षक बल ने निकासी में मदद की।
भारतीय अधिकारियों का एक समूह सात बसों के साथ म्यांमार पहुंचा। इसमें रिहा किए गए भारतीय नागरिकों को ले जाया गया। साथ ही तीन और बसों में उनका सामान भी था – जो उत्तर-पश्चिमी थाईलैंड के माई सोत हवाई अड्डे पर पहुंचा। म्यांमार के अधिकारियों ने, सहयोगी चीन के दबाव में, हाल के हफ्तों में देश के अराजक सीमावर्ती इलाकों में पनप रहे अवैध ऑनलाइन धोखाधड़ी के कामों पर नकेल कसी है।
कम से कम दो दर्जन देशों के लगभग 7,000 श्रमिकों को रिहा किया गया है। इनमें से अधिकांश चीनी हैं, लेकिन कई लोग थाई-म्यांमार सीमा पर अस्थायी हिरासत शिविरों में गंदी परिस्थितियों में रह रहे हैं। उनमें से एक ने हमारे सहयोगी अखबार टीओआई से कहा कि हम बस इन हिरासत केंद्रों से बाहर निकलना चाहते हैं और घर लौटना चाहते हैं।
Zellner, well known for taking on wrongful conviction cases, has since signed on to handle Mr. In situ optical emission spectroscopy of the plasma indicates the plasma-induced decomposition of the precursor.