लखनऊ। कासगंज चंदन हत्याकांड में लखनऊ की एक विशेष अदालत ने सभी 28 आरोपियों को दोषी करार देते हुए उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई है। यह मामला 26 जनवरी, 2018 को उत्तर प्रदेश के कासगंज में तिरंगा यात्रा के दौरान सांप्रदायिक झड़प में मारे गए चंदन गुप्ता की हत्या से जुड़ा हुआ है। अदालत ने आरोपी को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 (हत्या), 307 (हत्या का प्रयास), और 147 (दंगा) के साथ-साथ राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम और सीएलए अधिनियम के प्रावधानों के तहत दोषी पाया।
यह घटना गणतंत्र दिवस की “तिरंगा यात्रा” के दौरान हुई, जिसमें भारतीय और भगवा झंडों से सजी 100 मोटरसाइकिलें शामिल थीं। जुलूस का नेतृत्व विहिप, एबीवीपी और हिंदू युवा वाहिनी के सदस्यों ने किया। रैली प्रशासनिक प्रतिबंधों को धता बताते हुए बड़े पैमाने पर मुस्लिम बड्डूनगर क्षेत्र में प्रवेश कर गई, जिसके कारण झड़पें और पथराव हुआ। घटना के वक्त चंदन की उम्र 20 साल थी। वह बी.कॉम अंतिम वर्ष का छात्र था और अपने परिवार का सबसे छोटा सदस्य था। घटना के बाद कासगंज में अशांति फैल गई और कई वाहनों और दुकानों को आग लगा दी गई। अधिकारियों को शहर में कर्फ्यू लगाना पड़ा, जो कई दिनों तक चला।
अदालत ने कहा कि आरोपियों ने जानबूझकर सांप्रदायिक माहौल पैदा किया और चंदन गुप्ता की हत्या की। इस फैसले से कासगंज हिंसा के मामले में न्याय की उम्मीदें पूरी हुई हैं और यह भी साबित हुआ है कि कानून अपनी प्रक्रिया पूरी करते हुए अपराधियों को सजा देने में सक्षम है।