
वाशिंगटन। मुंबई के 26/11 हमले के मुख्य आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा रहा है। खबर है कि वह भारत में उसके प्रत्यर्पण को रोकना चाहता है। वर्ष 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों में छह अमेरिकियों सहित कुल 166 लोग मारे गए थे। इसमें 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों ने मुंबई के प्रमुख स्थानों पर लोगों पर हमला किया था।
खबर है कि राणा अपने प्रत्यर्पण पर आपातकाल रोक लगवाना चाहता है। एक रिपोर्ट के अनुसार, राणा का कहना है कि इस बात की काफी संभावनाएं हैं कि उसके पाकिस्तानी मूल के मुसलमान होने के कारण उसे भारत में टॉर्चर किया जाएगा। फिलहाल, इसे लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। 63 साल का राणा अमेरिका के लॉस एंजिलिस जेल में बंद है।
रिपोर्ट के अनुसार, राणा ने याचिका में कहा है कि वह कई बीमारियों से जूझ रहा है, जिसमें एडवांस्ड कार्डियक एन्यूरिज्म, कॉग्निटिव डेकलाइन के साथ पार्किन्सन्स और संभावित ब्लैडर कैंसर शामिल है। उसके वकीलों का कहना है कि हो सकता है कि वह ट्रायल का सामना करने के लिए ज्यादा समय तक जिंदा भी न रहे।
बीते महीने अमेरिका यात्रा पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच राणा के प्रत्यर्पण का मुद्दा उठा था। तब ट्रंप ने ऐलान किया है कि उनकी तरफ से राणा के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी गई है।
अमेरिका की एक अदालत ने पहले फैसला दिया था कि पाकिस्तानी मूल के कनाडाई व्यवसायी राणा को भारत प्रत्यर्पित किया जा सकता है, जहां वह पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों द्वारा मुंबई में 2008 में किए गए आतंकवादी हमले के मामले में वांछित है। राणा को पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली से जुड़ा हुआ माना जाता है, जो 26/11 हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक है।
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