मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद के विवादित परिसर का कोर्ट कमिश्नर सर्वे नियुक्त करने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित किया है। जिला जज ने हिंदू पक्ष और वक्फ बोर्ड, दोनों का पक्ष सुना। अब इस मामले में अगली सुनवाई 21 दिसंबर निर्धारित की है। ASI के स्टैंडिंग काउंसिल वकील अमित श्रीवास्तव ने कोर्ट के पटल पर सर्वे की रिपोर्ट शील्ड लिफाफ में रखी।
दरअसल, वक्फ बोर्ड ने कहा कि 9 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एसएलपी पर सुनवाई होनी है। इसलिए थोड़ा समय देना चाहिए। इसके बाद जिला जज ने फैसला सुरक्षित कर दिया। इस सुनवाई से पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भगवान केशवदेव का पास जारी किया है।
यह याचिका भगवान श्री कृष्ण विराजमान और 7 अन्य लोगों द्वारा अधिवक्ता हरिशंकर जैन, विष्णु शंकर जैन, प्रभाष पांडेय और देवकी नंदन के जरिए दायर की गई थी, जिसमें दावा किया गया है कि भगवान कृष्ण की जन्मस्थली उस मस्जिद के नीचे मौजूद है और ऐसे कई संकेत हैं जो यह साबित करते हैं कि वह मस्जिद एक हिंदू मंदिर है। याचिका में कहा गया है कि वहां कमल के आकार का एक स्तंभ है जोकि हिंदू मंदिरों की एक विशेषता है और शेषनाग की एक प्रतिकृति है जो हिंदू देवताओं में से एक हैं और जिन्होंने जन्म की रात भगवान कृष्ण की रक्षा की थी। याचिका में यह भी बताया गया है कि मस्जिद के स्तंभ के आधार पर हिंदू धार्मिक प्रतीक हैं और नक्काशी में ये साफ दिखते हैं। फिलहाल कोर्ट कमिश्नर सर्वे नियुक्त करने पर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया है।