लाइफस्टाइल और खानपान में गड़बड़ी से कैंसर के खतरे को बढ़ावा

नेशनल कैंसर अवेयरनेस डे (राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस) 7 नवंबर को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य लोगों को कैंसर के बारे में जागरूक करना और इसकी रोकथाम, शुरुआती लक्षणों की पहचान और उपचार के बारे में जानकारी फैलाना है। यह दिन कैंसर के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने के साथ-साथ जीवनशैली, खानपान और अन्य कारकों के कारण कैंसर के बढ़ते खतरे को रोकने पर भी जोर देता है।

दुनियाभर में कैंसर एक गंभीर और तेजी से बढ़ता हुआ स्वास्थ्य संकट बन चुका है। लाखों लोग हर साल कैंसर के कारण अपनी जान गंवा देते हैं, और कई प्रकार के कैंसर ऐसे होते हैं जिन्हें सही समय पर पहचान और इलाज से रोका जा सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, यदि कैंसर की पहचान जल्दी हो जाए तो इसका इलाज संभव है और इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है।भारत में कैंसर के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है, और इसके कारण खानपान, शारीरिक गतिविधियों की कमी, धूम्रपान, अल्कोहल का सेवन, वातावरणीय प्रदूषण और आनुवंशिक कारणों का योगदान देखा गया है।

कब हुई शुरूआत

नेशनल कैंसर अवेयरनेस डे को लेकर बात करें, तो स्वास्थ्य और कल्याण मंत्रालय के मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने सितंबर 2014 में नेशनल कैंसर अवेयरनेस डे मनाने की शुरुआत की थी। इस दिन को मनाने के पीछे का कारण भारत में बढ़ते हुए कैंसर के मामले थे। ऐसे में इस बीमारी के प्रति जागरुकता फैलाने और समय रहते इस गंभीर बीमारी को पकड़ने की जरूरत को समझने के लिए इस दिन की शुरूआत की गई।

नेशनल कैंसर अवेयरनेस डे को नोबेल प्राइज पुरस्कार विजेता वैज्ञानिक मैडम क्यूरी के बर्थडे पर मनाया जाता है। जिससे कि कैंसर से लड़ने में दिए गए बड़े योगदान को याद किया जा सके। इस दिन भारत में सरकारी अस्पतालों में और म्युनिसिपल क्लिनिक्स में लोगों का फ्री स्क्रीनिंग दी जाती है।

इस दिन को मनाने की शुरुआत 2014 में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने की थी, ताकि कैंसर के प्रति लोगों में जागरूकता फैल सके और समय पर इसकी पहचान और इलाज संभव हो सके। विशेष रूप से उन लोगों को चेतावनी दी जाती है जिनके परिवार में पहले किसी को कैंसर हुआ हो, क्योंकि आनुवंशिक कारक भी कैंसर के खतरे को बढ़ा सकते हैं।

कैंसर के प्रारंभिक लक्षण जैसे कि असामान्य रक्तस्राव, गांठें, लंबी खांसी, वजन में असामान्य कमी, और निगलने में परेशानी जैसी समस्याओं के बारे में समय रहते जानकारी प्राप्त करना और उपचार शुरू करना बहुत महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, स्वस्थ जीवनशैली अपनाना, जैसे कि सही खानपान, नियमित व्यायाम, धूम्रपान और शराब से परहेज, और मानसिक तनाव को कम करने के उपाय कैंसर के खतरे को कम करने में मदद कर सकते हैं।

नेशनल कैंसर अवेयरनेस डे के माध्यम से हर साल इस बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाने के प्रयासों में वृद्धि हो रही है, ताकि लोगों को इसके जोखिम, बचाव, और उपचार के बारे में बेहतर जानकारी मिल सके। कैंसर का इलाज इस बात पर भी निर्भर करता है कि मरीज की सेहत कैसी और उसका पारिवारिक इतिहास कैसा है। अगर इस गंभीर बीमारी को शुरूआत में ही पकड़ लिया जाता है, तो इसको आसानी से ठीक किया जा सकता है।

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