बेंगलुर। कर्नाटक के कपड़ा एवं कृषि व्यापार मंत्री शिवानंद पाटिल ने बुधवार को कहा कि किसान बढ़े हुए मुआवजे की मांग के लिए आत्महत्या कर रहे हैं। उनके इस बयान से कर्नाटक के साथ-साथ पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र के किसानों में भारी असंतोष पैदा हो गया है।
यह पहली बार नहीं है जब कांग्रेस नेता शिवानंद पाटिल ने किसानों को लेकर ऐसी अनर्गल टिप्पणी की है। इससे पूर्व 2015 में उन्होंने कर्नाटक में किसानों का मुआवजा दो लाख से बढ़ाकर पांच लाख रुपये करने पर भी ऐसा ही बयान दिया था। वह हमेशा किसानों की आत्महत्या के बारे में असंवेदनशील बातें करते रहे हैं। इस बार भी उन्होंने आत्महत्या का ठीकरा किसानों पर फोड़ा है। बतौर पाटिल कर्नाटक में सरकार ने किसानों को मिलने वाले मुआवज़े की राशि बार-बार बढ़ाई है, जिससे किसान आत्महत्याओं में वृद्धि हुई है। पाटिल ने एक बार फिर कहा है कि किसान बढ़े हुए मुआवजे के लिए आत्महत्या कर रहे हैं।
जैसे ही उन्हें इस बात का एहसास हुआ कि बेतुके बयान की वजह से विवाद पैदा हो गया है तो उन्होंने इस पर सफाई भी दी। पाटिल ने कहा कि हम किसानों को दोष नहीं देना चाहते, लेकिन मीडिया हमेशा पुलिस एफआईआर से किसानों की आत्महत्या की खबरें देता है। उन्हें फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए क्योंकि इससे किसान की मौत का सही कारण पता चल पाएगा। मंत्री पटिल ने एक आश्चर्यजनक दावा किया कि अधिकांश किसानों की मृत्यु हृदय रोग या अन्य चिकित्सीय कारणों से होती है।