डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम, जिनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम, तमिलनाडु में हुआ, भारत के 11वें राष्ट्रपति और “मिसाइल मैन” के नाम से प्रसिद्ध हैं। उनके जीवन के कई पहलू प्रेरणादायक हैं, जो युवा पीढ़ी के लिए एक मिसाल पेश करते हैं।
जीवन की कुछ खास बातें:
- शिक्षा और करियर:
- डॉ. कलाम ने अपना अधिकांश समय विज्ञान और तकनीकी क्षेत्र में समर्पित किया, विशेष रूप से DRDO और ISRO में।
- उन्होंने भारत के पहले सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल, SLV-3, के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- राष्ट्रपति बनने का सफर:
- 25 जुलाई 2002 को राष्ट्रपति बने। उन्होंने अपने लिए विशेष रूप से तैयार किया गया “कलाम सूट” पहनने से मना कर दिया था, क्योंकि वह असहज महसूस करते थे।
- मिसाइल कार्यक्रम:
- कलाम ने इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम में प्रमुख भूमिका निभाई, जिसके तहत कई महत्वपूर्ण मिसाइलें विकसित की गईं, जैसे त्रिशूल, आकाश, पृथ्वी, नाग और ब्रह्मोस।
- परमाणु परीक्षण:
- उन्होंने 1974 में पहले परमाणु परीक्षण और 1998 में पोखरण-II परीक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे भारत परमाणु शक्ति बन गया।
- लेखन और शिक्षण:
- राष्ट्रपति पद समाप्त करने के बाद, उन्होंने लेखन, शिक्षा और सार्वजनिक सेवा में योगदान दिया। उनकी किताबें प्रेरणादायक संदेश देती हैं और युवाओं को प्रोत्साहित करती हैं।
- पुरस्कार और सम्मान:
- डॉ. कलाम को भारत रत्न सहित कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।
- निधन:
- 27 जुलाई 2015 को शिलांग में उनका निधन हो गया, लेकिन उनका योगदान और विचार आज भी लोगों के दिलों में जीवित हैं।
डॉ. कलाम का जीवन सादगी, समर्पण और सेवा का प्रतीक है। उनकी शिक्षाएँ और दृष्टिकोण आज भी युवाओं को प्रेरित करते हैं कि वे अपने सपनों को पूरा करने के लिए मेहनत करें और देश के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझें।