महाकुंभ-2025 : पहले दिन उमड़ा आस्था का जनसैलाब

प्रयागराज। प्रयागराज में महाकुंभ-2025 के प्रारंभ होने और पहले स्नान के अवसर पर पौष पूर्णिमा के दिन पूरी दुनिया से महाकुंभ नगर स्थित मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं की अपार भीड़ देखने को मिली। ये श्रद्धालु उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की तैयारियों से बेहद संतुष्ट दिखे और महाकुंभ पर्व को लेकर की गई सुव्यवस्थित व्यवस्था को देखकर मुक्त कंठ से सरकार की तारीफ करते दिखे।

आज लाखों श्रद्धालु गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती नदियों के संगम पर पवित्र ‘अमृत स्नान’ में भाग ले रहे हैं। हिंदू कैलेंडर में पौष पूर्णिमा को चिह्नित करने वाला यह शुभ कार्यक्रम, 45-दिवसीय त्योहार की शुरुआत का संकेत देता है, जिसमें भारत की समृद्ध आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करते हुए, 45 करोड़ लोगों के आने की उम्मीद है।

रोड़ों लोगों के लिए एक बहुत ही खास दिन : मोदी

देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर एक हार्दिक संदेश में इस अवसर पर राष्ट्र को बधाई दी और इसे “भारतीय मूल्यों और संस्कृति को महत्व देने वाले करोड़ों लोगों के लिए एक बहुत ही खास दिन” बताया। उन्होंने महाकुंभ को भारत की शाश्वत आध्यात्मिक विरासत का प्रतीक बताया जो आस्था, भक्ति और सद्भाव का जश्न मनाता है। उन्होंने प्रयागराज के जीवंत माहौल पर भी प्रसन्नता व्यक्त की, जहां अनगिनत लोग पवित्र स्नान के लिए एकत्र हुए, जिससे एकता और भक्ति की भावना मजबूत हुई।

दरअसल महाकुंभ-2025 का आगाज 144 वर्षों की प्रतीक्षा, अनन्य आस्था, अगाध भक्ति, हर्ष-उमंग और भावनाओं के उमड़ते ज्वार को साक्षात्कार करने सरीखा अनुभव बन गया है। यह न केवल देश-प्रदेश बल्कि विदेशों से आए लाखों श्रद्धालुओं के जप-तप और पुण्य-मोक्ष का मार्ग बनने के साथ ही, एकता के सूत्र में बांधने वाला एक ऐसा माध्यम बन गया जिसकी तुलना किसी अन्य घटना से होना असंभव है।

मानवता के इस अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर का साक्षी बनने, अपने जन्मों के पुण्यों को साकार करने और मानव सभ्यता के इस सबसे बड़े विलक्षण क्षण का साक्षी पहले ही दिन बनने की होड़ तीर्थराज प्रयागराज के संगम नोज समेत सभी स्थायी व अस्थायी घाटों पर दिखी। यहां भाव विह्वल श्रद्धालु भीगी पलकों से इस सुखद क्षण का साक्षात्कार करते हुए अपनी पूजन व अर्चन विधि से भक्ति में रमने के साथ ही एकता के संगम में सराबोर होते दिखे।

पौष पूर्णिमा के अवसर पर महाकुंभ-2025 के प्रारंभ होने और पहले स्नान के अवसर पर ही पूरी दुनिया से महाकुंभ नगर स्थित मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं की अपार भीड़ देखने को मिली। ये श्रद्धालु उत्तर प्रदेश सरकार की तैयारियों से बेहद संतुष्ट दिखे और महाकुंभ पर्व को लेकर की गई सुव्यवस्थित व्यवस्था को देखकर मुक्त कंठ से सरकार की तारीफ करते दिखे।

स्नान के दो दिन पूर्व ही लाखों की तादाद में श्रद्धालुओं ने स्नान किया और पहले दिन श्रद्धालुओं का अपार उत्साह-उमंग दर्शाता है कि आगे आने वाले 45 दिनों में महाकुंभ-2025 में उत्तर प्रदेश सरकार के अनुमान से भी ज्यादा भक्तों की भीड़ उमड़ सकती है। पौष पूर्णिमा के अवसर पर कल्पवासी संगम में स्नान कर कल्पवास के कठिन नियमों का महाकुंभ अवधि के दौरान पालन करते हुए पुण्य प्राप्ति, सद्गति, मोक्ष प्राप्ति और सकल विश्व के कल्याण के लिए प्रार्थना करते हैं। स्वयं व अपने परिजनों के कल्याण के साथ ही सकल विश्व के कल्याण के लिए भी कल्पवासी प्रार्थना करते हैं।

महाकुंभ के प्रारंभ होने के साथ ही सोमवार होने के कारण महादेव की उपासना के विशेष संयोग ने इस क्षण को और भी दुर्लभ बना दिया और महाकुंभ मेला क्षेत्र के सभी घाटों पर श्रद्धालु महादेव की उपासना में पवित्र जलधारा में डुबकी लगाकर संकल्प लेते दिखे। हर-हर महादेव, जय श्रीराम और जय बजरंग बली के नारों से रह-रहकर संगम नोज समेत सभी घाट दिनभर गुंजायमान होते रहे।

वहीं, साधारण गृहस्थ श्रद्धालुओं में भी स्नान को लेकर अपार उत्साह देखने को मिला। पहले ही दिन प्रयागराज व आसपास के इलाकों समेत बिहार, हरियाणा, बंगाल, ओडिशा, दिल्ली, उत्तराखंड, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र तथा मध्य प्रदेश जैसे प्रांतों की भारी भीड़ संगम समेत तीर्थराज प्रयागराज के विभिन्न घाटों पर देखने को मिली।

संगम घाट पर देश-विदेश के श्रद्धालुओं का तांता देखने को मिला। साउथ कोरिया से आए यू-ट्यूबर दल महाकुंभ के विभिन्न शॉट्स को अपने कैमरे से कैप्चर करते दिखे तो जापान से आए पर्यटक महाकुंभ में अपार जनसैलाब को देखकर स्थानीय गाइड से जानकारी लेते दिखे। रूस-अमेरिका समेत यूरोप के विभिन्न देशों से आए सनातनी श्रद्धालुओं ने सोमवार को आस्था और एकता के इस महापर्व का साक्षात्कार करने के साथ ही पुण्य की डुबकी भी लगाई। स्पेन से आईं क्रिस्टीना भी इन्हीं में से एक थीं जिन्होंने महाकुंभ की भव्यता को देखकर मुक्त कंठ से इस अद्भुत क्षण की प्रशंसा की।

Related Articles

Back to top button