महाकुंभ क्षेत्र में 1.5 लाख से अधिक शौचालय और मूत्रालय स्थापित होंगे

महाकुंभ 2025 के आयोजन की तैयारियाँ उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बड़े पैमाने पर की जा रही हैं, और इस बार इसका उद्देश्य न केवल धार्मिक, बल्कि स्वच्छता को लेकर भी एक महत्वपूर्ण पहल करना है। ‘स्वच्छ कुंभ’ के तहत सरकार ने कई महत्वाकांक्षी योजनाएं बनाई हैं, जो इस आयोजन को न सिर्फ भव्य, बल्कि पर्यावरण के दृष्टिकोण से भी जिम्मेदार और स्वच्छ बनाएंगी।

महाकुंभ 2025: स्वच्छ कुंभ की पहल

उत्तर प्रदेश सरकार का लक्ष्य है कि महाकुंभ के आयोजन के दौरान श्रद्धालुओं और पर्यटकों को स्वच्छ और सुरक्षित माहौल मिले। इसके लिए 1.5 लाख से अधिक शौचालयों और मूत्रालयों की स्थापना की जा रही है, ताकि गंगा नदी के किनारे और कुंभ क्षेत्र में आने वाले भक्तों को स्वच्छता का ध्यान रखने का उचित तरीका मिल सके। यह कदम विशेष रूप से महाकुंभ जैसे विशाल आयोजन के लिए अत्यंत आवश्यक है, जहां लाखों लोग एक ही स्थान पर एकत्र होते हैं और उनकी स्वच्छता से जुड़े मुद्दे बड़ी चुनौती बन सकते हैं।

क आधिकारिक बयान की मानें तो इन शौचालयों को स्थापित करने का लक्ष्य सरकार को 15 दिसंबर तक पूरा करना है। इस संबंध में सभी विक्रेताओं को सूचीबद्ध किया गया है। समय पर कार्य हो सके इसे देखने के लिए एलओए जारी कर दिए गए हैं। कुंभ मेले के लिए विशेष कार्यकारी अधिकारी आकांक्षा राणा ने पुष्टि की कि जेट स्प्रे सफाई प्रणाली और एक व्यापक सेसपूल संचालन योजना सहित संपूर्ण स्वच्छता बुनियादी ढांचा 15 दिसंबर तक तैयार हो जाएगा। इस योजना में सेप्टिक टैंक और सोक पिट जैसे प्रावधान शामिल हैं।

उन्होंने कहा, “स्वच्छता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी सुविधाओं की निगरानी क्यूआर कोड के माध्यम से की जाएगी। बड़े पैमाने पर स्थापना के लिए कुल 55 विक्रेताओं को सूचीबद्ध किया गया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि महाकुंभ के दौरान प्रयागराज आने वाले श्रद्धालुओं और आगंतुकों को सामुदायिक शौचालयों तक पहुंच प्राप्त हो और खुले क्षेत्र के उपयोग की आवश्यकता कम से कम हो।”

उन्होंने आगे बताया कि मुख्यमंत्री के दृष्टिकोण के अनुसार, ‘स्वच्छ कुंभ’ के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए स्वच्छता पर विशेष जोर दिया जाना आवश्यक है। राणा ने कहा, “मुख्य स्नान के दिन मौनी अमावस्या पर आने वाली भारी भीड़ को ध्यान में रखते हुए 1.5 लाख से अधिक शौचालय और मूत्रालय स्थापित किए जा रहे हैं। इस दिन श्रद्धालुओं की सबसे अधिक भीड़ उमड़ती है – अनुमानतः 4 से 5 करोड़। भीड़ के अध्ययन के आधार पर तैयार की गई यह व्यापक व्यवस्था सुनिश्चित करती है कि व्यस्त दिनों में सुविधाओं की कोई कमी न हो और नियमित दिनों में भी 24 घंटे निरंतर सुविधा उपलब्ध रहे, साथ ही सफाई की भी पूरी व्यवस्था हो।”

बता दें कि स्थापना योजना में 9 विक्रेताओं द्वारा प्रबंधित सोख गड्ढे वाले 49,000 कन्नथ शौचालय, 10 विक्रेताओं द्वारा प्रबंधित सेप्टिक टैंक वाले 12,000 एफआरपी शौचालय, तथा 8 विक्रेताओं द्वारा प्रबंधित सोख गड्ढे वाले 17,000 एफआरपी शौचालय शामिल हैं।

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