महाराष्ट्र में मस्जिदों में लाउडस्पीकर के इस्तेमाल को लेकर सियासत गरमा गई है। राज ठाकरे के इस मुद्दे पर दिए गए बयान के बाद राज्य में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे ने मस्जिदों में लाउडस्पीकर के इस्तेमाल के खिलाफ आवाज उठाई और दावा किया कि इस पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। उनका यह बयान राज्य के सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है।
राज ठाकरे के इस बयान पर अब समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि राज ठाकरे “सस्ती शोहरत” पाने के लिए ऐसी बातें कर रहे हैं और लोग इतने भोले नहीं हैं कि उनके बहकावे में आ जाएं। अबू आजमी ने राज ठाकरे की आलोचना करते हुए कहा कि “इन नफरत के पुजारियों की राजनीति” को खत्म कर देना चाहिए।
अबू आजमी ने यह भी कहा कि धार्मिक भावनाओं को भड़काने की कोशिश करने वालों का समाज में कोई स्थान नहीं होना चाहिए। उनके मुताबिक, राज ठाकरे जैसे नेताओं का काम केवल समाज में नफरत फैलाना होता है, जो एक स्वस्थ लोकतंत्र के लिए हानिकारक है।
राज ठाकरे का बयान और अबू आजमी की प्रतिक्रिया इस बात को दर्शाते हैं कि मस्जिदों में लाउडस्पीकर का मुद्दा केवल धार्मिक नहीं, बल्कि राजनीतिक भी बन चुका है। इस विवाद में विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।
राज ठाकरे का आरोप है कि लाउडस्पीकर के जरिए कुछ धार्मिक समूहों की ओर से एक खास संदेश दिया जाता है, जो समाज में शांति और सौहार्द्र के लिए सही नहीं है। वहीं, उनके आलोचक इसे राजनीतिक मुद्दा बना रहे हैं और इसे समाज में विभाजन उत्पन्न करने की कोशिश करार दे रहे हैं।