राजधानी दिल्ली में इंडिया गठबंधन की बैठक में टीएमसी चीफ और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के नाम का प्रस्ताव पीएम पद के उम्मीदवार के रूप में रखा. सूत्रों ने इस बात की जानकारी दी. एबीपी न्यूज़ से बातचीत में सीपीआई-एमएल के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने इस पर प्रतिक्रिया दी. भट्टाचार्य ने कहा कि सैद्धांतिक रूप से वह चुनाव से पहले पीएम उम्मीदवार के नाम की घोषणा के पक्ष में नहीं हैं. दीपांकर भट्टाचार्य ने हालांकि आगे कहा कि ”अगर खरगे जैसे अनुभवी और दलित नेता पीएम बनते हैं तो यह देश के लिए अच्छी बात होगी.”
दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा, ”पीएम उम्मीदवार पर चर्चा एजेंडा का हिस्सा नहीं था. यह राष्ट्रपति का चुनाव नहीं हैं. संसदीय लोकतंत्र में पीएम पद का उम्मीदवार नहीं होता है. बीजेपी को ही देखिए. विधानसभा चुनाव में कोई सीएम पद का उम्मीदवार नहीं था. जब विधानसभा चुनाव में कोई सीएम चेहरा नहीं होता तो फिर पीएम के लिए कोई चेहरा कैसे घोषित हो सकता है. उसकी कोई जरूरत नहीं है.” जब दीपाकंर भट्टाचार्य से पूछा गया कि ममता बनर्जी ने मल्लिकार्जुन खरगे के नाम का प्रस्ताव रखा है तो उन्होंने कहा, ”अगर देश की आजादी के 75 साल बाद पहली बार खरगे जैसे अनुभवी नेता और दलित नेता, जो मजदूरों की लड़ाई लड़कर आगे आए हैं. वह इस संकट की स्थिति में पीएम बनते हैं तो देश के लिए अच्छी बात है.”
क्या गठबंधन के कन्वीनर के नाम पर कोई चर्चा हुई? इस पर दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा, ”एक सिस्टम है तभी तो मीटिंग हो रही है. कोऑर्डिनेशन कमिटी बैठक आयोजित कर रही है. जब ऐसा लगेगा कि कन्वीनर की जरूरत है तो तय किया जाएगा.” वहीं, सीट शेयरिंग के मुद्दे पर दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि यह पहले से तय था कि यह राष्ट्रीय स्तर पर नहीं बल्कि राज्य के स्तर पर होनी है. राज्यों में संबंधित पार्टियों से बातें चल रही हैं. इस पर 15-20 दिन के भीतर फैसला हो जाएगा.
उधर, इंडिया गठबंधन महारैली की योजना बना रहा है. इस पर दीपांकर भट्टाचार्य़ ने कहा, ”30 जनवरी को बड़ी रैली से शंखनाद करें. कई प्रस्ताव आए हैं और हमने खुद एक प्रस्ताव रखा है कि गांधी जी की शहीद दिवस के दिन पटना में रैली करें.”