स्वयंभू बाबा सूरजपाल उर्फ नारायण साकार हरि उर्फ ‘भोले बाबा’ ने हादसे के बाद पहली बार बयान दिया है। भोले बाबा ने दावा किया है कि वह हाथरस ‘सत्संग’ भगदड़ की घटना से उदास हैं। उन्होंने प्रभावित परिवारों से न्यायपालिका पर भरोसा रखने को कहा है। मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर ने नई दिल्ली में पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। इस घटना में 121 लोगों की जान चली गई थी। बाद में उन्हें उत्तर प्रदेश पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
भोले बाबा ने एएनआई को बताया कि 2 जुलाई की घटना के बाद मैं बहुत दुखी हूं। ईश्वर हमें यह पीड़ा सहने की शक्ति दे।” कृपया सरकार और प्रशासन पर भरोसा बनाए रखें। मुझे विश्वास है कि जिसने भी अराजकता फैलाई है, उसे बख्शा नहीं जाएगा। अपने वकील एपी सिंह के माध्यम से मैंने समिति के सदस्यों से अनुरोध किया है कि वे शोक संतप्त परिवारों और घायलों के साथ खड़े रहें और जीवन भर उनकी मदद करें।
इस मामले में 2 जुलाई को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 105 (हत्या के बराबर न होने वाली गैर इरादतन हत्या), 110 (गैर इरादतन हत्या करने का प्रयास), 126 (2) (गलत तरीके से रोकना), 223 (लोक सेवक द्वारा जारी आदेश की अवज्ञा) और 238 (साक्ष्य मिटाना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। हालांकि, एफआईआर में भोले बाबा का नाम शामिल है। उनका अभी तक पता नहीं चल पाया है।