वो गेंद को हाथ में लेकर दौड़ना शुरू करता था तो बल्लेबाज के मन में खौफ पैदा हो जाता था। हर गेंद किसी आग के गोले की तरह कान के पास से सीटी बजाते हुए निकलती थी। बल्लेबाज को रन बनाने से ज्यादा फिक्र अपनी जान की होती थी। दुनिया का बड़े से बड़ा बल्लेबाज इस बॉलर का सामना करने से घबराता था।
नई दिल्ली, शुभम मिश्रा। वो गेंद को हाथ में लेकर दौड़ना शुरू करता था, तो बल्लेबाज के मन में खौफ पैदा हो जाता था। हर गेंद किसी आग के गोले की तरह कान के पास से सीटी बजाते हुए निकलती थी। बल्लेबाज को रन बनाने से ज्यादा फिक्र अपनी जान की होती थी। छह फुट चार इंच का यह तेज गेंदबाज खामोश कदमों से बल्लेबाज की तरफ बढ़ता था, तो बैटर को मानो बीच मैदान पर अपनी मौत पास आती हुई दिखाई देती थी।
दुनिया का बड़े से बड़ा बल्लेबाज इस बॉलर का सामना करने से घबराता था, क्योंकि इस कैरेबियाई गेंदबाज का निशाना स्टंप से ज्यादा बल्लेबाज का सिर पर होता था। बल्लेबाज को लहूलुहान कर देना इस खिलाड़ी का शौक हुआ करता था। हम बात वेस्टइंडीज के 1970-80 दशक के सबसे खूंखार गेंदबाज माइकल होल्डिंग की कर रहे हैं, जिन्होंने अपनी गेंदबाजी से कैरेबियाई टीम की तकदीर को पलटकर रखा दिया था। होल्डिंग को ‘व्हिसपरिंग डेथ’ यानी मौत की आहट नाम से पुकारा जाता था।
ओवल में इंग्लैंड को रुलाए थे खून के आंसू
माइकल होल्डिंग ने इंटरनेशनल क्रिकेट में कदम साल 1975 में रखा था। इसके ठीक एक साल बाद ही इस तेज गेंदबाज ने दुनिया के सामने अपने हुनर का प्रदर्शन किया। 1976 का साल था और वेस्टइंडीज इंग्लैंड के दौरे पर थी। यह वही सीरीज है, जिसमें वर्ल्ड क्रिकेट ने पहली बार क्लाइव लॉयड की कप्तानी में वेस्टइंडीज का विकराल रूप देखा था। चार टेस्ट मैचों में से दो कैरेबियाई टीम पहले ही अपने नाम कर चुकी थी। इंग्लैंड पहली बार अपनी ही धरती पर टेस्ट सीरीज गंवाने के मुहाने पर खड़ी थी। पांचवें टेस्ट में इंग्लिश टीम को सम्मान बचाने की लड़ाई लड़नी थी।
वेस्टइंडीज की तरफ से फेंका सबसे घातक स्पेल
हालांकि, ओवल के मैदान पर माइकल होल्डिंग ने अपनी रफ्तार के दम पर इंग्लिश टीम को घर में सबसे करारी हार का स्वाद चखाया। होल्डिंग की आग बरपाती गेंदों का इंग्लैंड के विश्व स्तरीय बल्लेबाजों के पास कोई जवाब नहीं था। पहली इनिंग में कैरेबियाई फास्ट बॉलर ने आठ इंग्लिश बल्लेबाजों को पवेलियन की राह दिखाई। होल्डिंग ने उस मैदान पर यह करिश्माई प्रदर्शन करके दिखाया था, जहां तेज गेंदबाज एक-एक विकेट को तरसते थे।ओवल की पिच को बल्लेबाजों के लिए स्वर्ग माना जाता था, लेकिन होल्डिंग ने अपनी गेंदबाजी से उस दिन इसी मैदान को इंग्लिश बैटर्स के लिए नरक से भी बदतर बना दिया था। पहले इनिंग में कहर बरपाने के बाद होल्डिंग इंग्लैंड के बल्लेबाजों को दूसरी पारी में भी हाल बेहाल करते हैं और 6 विकेट अपनी झोली में डालते हैं। इस तरह मैच में कैरेबियाई गेंदबाज कुल 14 विकेट अपने नाम करते हुए वेस्टइंडीज की तरफ से टेस्ट क्रिकेट का सबसे घातक स्पेल फेंकता है। होल्डिंग की गेंदबाजी के दम पर वेस्टइंडीज इस टेस्ट मैच को 231 रन के बड़े अंतर से अपने नाम करने में सफल रहती है।
लात मारकर उड़ा दिए थे स्टंप
माइकल होल्डिंग अपनी रफ्तार भरी गेंद के साथ-साथ अपने गुस्से के लिए भी खासा मशहूर थे। साल 1980 में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेले गए टेस्ट मैच में होल्डिंग ने बल्लेबाज को अंपायर द्वारा नॉटआउट करार दिए जाने पर स्टंप को लात मारकर उड़ा दिया था। कहा जाता है कि उस मैच में काफी खराब अंपायरिंग हुई थी, जिससे होल्डिंग समेत पूरी वेस्टइंडीज टीम तिलमिलाई हुई थी।यही वजह थी कि होल्डिंग अपना आपा खो बैठे थे। माइकल होल्डिंग ने अपने इंटरनेशनल करियर में कुल 60 टेस्ट और 102 वनडे मैच खेले। इस दौरान उन्होंने क्रिकेट के सबसे लंबे फॉर्मेट में 249 विकेट झटके, तो वनडे में उनकी झोली में कुल 142 विकेट आए। होल्डिंग ने अपने करियर में 13 बार एक पारी में पांच विकेट चटकाए, तो दो दफा एक ही इनिंग में सभी 10 विकेट लेने का कारनामा भी किया।