बिहार। जनता दल (यूनाइटेड) ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की उत्तर प्रदेश के रोहनिया विधानसभा क्षेत्र में 24 दिसंबर की सार्वजनिक रैली रद्द कर दी गई। इसके साथ ही उनकी ओर से दावा किया गया कि स्थानीय अधिकारियों ने बैठक के लिए अनुमति देने से इनकार कर दिया। रोहनिया विधानसभा क्षेत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाराणसी लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है। इसी को लेकर अब सुशील मोदी की ओर से पलटवार किया गया है। भाजपा नेता ने कहा कि सच तो यह है कि उन्होंने रैली की अनुमति लेने के लिए लिखित आवेदन भी नहीं दिया। इसके अलावा वाराणसी अपना दल और बीजेपी का गढ़ होने के कारण उन्हें इस रैली में ज्यादा समर्थन की उम्मीद नहीं थी।
सुशील मोदी ने साफ तौर पर कहा कि रैली के बारे में न तो कलेक्टर और न ही एसपी को कोई जानकारी थी। उन्होंने अपनी रैली स्थगित कर दी और अब वे यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ पर आरोप लगा रहे हैं। वहीं, जेडीयू के वरिष्ठ नेता और बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, जो यूपी में पार्टी मामलों के प्रभारी हैं, ने बताया कि “वाराणसी के रोहनिया में सीएम नीतीश कुमार की 24 दिसंबर की सार्वजनिक बैठक को जगतपुर इंटर कॉलेज के प्रशासन द्वारा रद्द कर दिया गया है।” रोहनिया में जहां कुमार को एक सार्वजनिक बैठक करनी थी, स्थानीय प्रशासन और राज्य सरकार के दबाव के कारण गुरुवार को उन्होंने हमें इसकी अनुमति देने से इनकार कर दिया।
जेडीयू के वरिष्ठ नेता ने आरोप लगाया कि यूपी में योगी आदित्यनाथ की तानाशाही है। हमें वाराणसी में अपनी पार्टी सुप्रीमो की सार्वजनिक बैठक आयोजित करने की अनुमति न देना सीधे तौर पर लोकतंत्र की हत्या है। हम इसे नहीं छोड़ेंगे… हम जल्द ही सार्वजनिक बैठक की अगली तारीख की घोषणा करेंगे। जेडीयू जल्द ही बीजेपी को बेनकाब करने के लिए यूपी में एक जन संपर्क अभियान शुरू करेगी। हम लोकसभा चुनाव के लिए ठोस रणनीति तैयार कर रहे हैं। रोहनिया की जनसभा में पूर्वांचल क्षेत्र के पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को शामिल होना था। रोहनिया वाराणसी का पटेल बहुल विधानसभा क्षेत्र है।