देश को भारत के नाम से पहचाना जाना चाहिए : नीतीश

दिल्ली में इंडिया गठबंधन की बड़ी बैठक थी। इस बैठक में 25 से ज्यादा दलों के बड़े नेता शामिल हुए थे। इस बैठक के बाद कई बड़े फैसले भी लिए गए हैं। लोकसभा चुनाव में भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर मुकाबला करने के लिए इंडिया गठबंधन को बनाया गया है। इंडिया गठबंधन की बैठक में ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल ने मल्लिकार्जुन खड़गे को पीएम पद का उम्मीदवार बनाने का प्रस्ताव रखा। हालांकि खड़गे ने इससे इनकार किया और कहा कि हमें पीएम बनने के लिए एमपी पर जोर देना होगा। हमें एमपी जीतने होंगे। 

इस बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कुछ ऐसा कह दिया जिसको सुनकर सोनिया गांधी सहित तमाम बड़े नेता औचक रह गए। दरअसल, इस बैठक में नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पिच पर बैटिंग की। उन्होंने कहा कि देश को भारत के नाम से जाना जाना चाहिए। नीतीश कुमार की मुंह से यह बात सुनकर खुद सोनिया गांधी भी आश्चर्यचकित हो गईं क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार अधिकारी कामकाज में भारत का इस्तेमाल कर रहे हैं। हालांकि विपक्षी दलों ने इसका विरोध किया था। यह विवाद तब शुरू हुआ था जब जीत-20 शिखर सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति भवन की तरफ से डिनर के लिए भेजे गए निमंत्रण पत्र में प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया की जगह प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखा गया था।

नीतीश कुमार ने इंडिया गठबंधन की बैठक में बड़ी मांग कर दी। नीतीश कुमार ने कहा कि देश को भारत के नाम से जाना जाना चाहिए। नीतीश कुमार की यह बात सभी को हैरान कर दिया। आपको बता दें कि वह नीतीश कुमार ही थे जिन्होंने विपक्षी एकता को जोड़ने का काम किया। सबसे पहले उन्होंने ही सभी दलों को एक साथ लाने की कोशिश की। पहली बैठक भी नीतीश कुमार के नेतृत्व में पटना में ही हुई थी। हालांकि नीतीश कुमार कई बार नाराज भी हो चुके हैं। नीतीश कुमार को लेकर उस वक्त भी यह खबर आई थी कि वह गठबंधन का नाम इंडिया रखने को लेकर भी खुश नहीं थे। 

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