दाऊद इब्राहिम को कराची के एक अस्पताल में भर्ती कराए जाने की खबरें इस समय खूब सामने आ रही हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार उसे शनिवार को कड़ी सुरक्षा के बीच अस्पताल ले जाया गया था। इसके बाद उसकी मौत की खबरें भी सामने आईं लेकिन उसके करीबी सहयोगी छोटा शकील ने इन्हें अफवाह करार दिया है।
साल 1993 में हुए मुंबई हमले के मास्टरमाइंड दाऊद को लेकर भारत बार-बार कहता रहा है कि वह पाकिस्तान में छिपा है। लेकिन पाकिस्तान इस बात से हमेशा इनकार करता रहा है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर पाकिस्तान दाऊद को क्यों बचाने की कोशिश करता रहा है और इसमें उसका क्या फायदा है?
रिपोर्ट्स के अनुसार 1993 के हमले के बाद दाऊद ने पाकिस्तान शिफ्ट होने के लिए वहां की खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ समझौता किया था। इसके पीछे का मकसद यह था कि दाऊद को अन्य गैंगस्टर्स और भारतीय एजेंसियों से बचाया जाएगा और बदले में आईएसआई उसके संसाधनों का इस्तेमाल कर सकेगी।
दाऊद पाकिस्तान की आतंकी गतिविधियों को भी फाइनेंस करता रहा है। इसमें यह भी बताया गया है कि दाऊद की कमाई के 30 प्रतिशत हिस्से के बदले उसे सुरक्षा देने का वादा किया था। ये जानकारी लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी अब्दुल करीम टुंडा ने साल 2013 में दी थी।
दाऊद इब्राहिम को इस्तेमाल करने की पाकिस्तान की रणनीति 9/11 हमले तक जारी रही। लेकिन इसके बाद उसे छिपकर रहने के लिए मजबूर होना पड़ा। लेकिन इस दौरान उसने अपने परिवार के सदस्यों की शादी पाकिस्तान की शीर्ष शख्सियतों के घर में कराई और अपनी स्थिति को फिर से बेहद मजबूत कर लिया।
उसने अपनी बेटी की शादी पाकिस्तान के दिग्गज क्रिकेट खिलाड़ी रहे जावेद मियांदाद के बेटे के साथ कराई। इसके अलावा अपने भतीजे की शादी एक वरिष्ठ आईएसआई एजेंट के साथ कराई। साथ ही वह अपनी दो नंबर की कमाई को कराची, दुबई और लंदन में रियल एस्टेट और हॉस्पिटैलिटी जैसे क्षेत्रों में लगाता रहा।
अक्टूबर में आई फ्री प्रेस जर्नल की एक रिपोर्ट के अनुसार दाऊद को आईएसआई का ऑनरेरी एडिशनल डायरेक्टर जनरल बनाया गया था। रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से लिखा गया था कि ऐसा पिछले कुछ दशकों में दाऊद इब्राहिम की ओर से आईएसआई को उपलब्ध कराई गई मदद को देखते हुए किया गया था।
कहा जाता है कि दाऊद इब्राहिम पाकिस्तान के वरिष्ठ जनरलों का बेहद करीबी है और हर समय पाकिस्तानी सेना की स्पेशल फोर्स की सुरक्षा में रहता है। बता दें कि वह इस समय भारत की ‘मोस्ट वांटेड’ अपराधियों की लिस्ट में है। साल 2003 में भारत और अमेरिका की सरकार ने उसे वैश्विक आतंकवादी घोषित किया था। लेकिन पाकिस्तान के लिए वह सबसे अहम मेहमान बना रहा है।