विदेश मंत्री एस. जयशंकर और सिंगापुर के उपप्रधानमंत्री गान किम योंग के बीच इस मुलाकात को लेकर कई महत्वपूर्ण हुई है। यह बैठक भारत और सिंगापुर के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। भारत और सिंगापुर के बीच ऐतिहासिक और मजबूत व्यापारिक संबंध रहे हैं, और दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी भी बढ़ती जा रही है। एस. जयशंकर और गान किम योंग ने आर्थिक, व्यापारिक, और सांस्कृतिक रिश्तों को और भी मजबूत बनाने के तरीकों पर विचार किया। खासकर, व्यापार, निवेश, डिजिटल प्रौद्योगिकी, और शहरी विकास जैसे क्षेत्रों में सहयोग को और बढ़ाने के उपायों पर ध्यान केंद्रित किया गया।
सिंगापुर, भारत का एक महत्वपूर्ण आर्थिक साझेदार है और दोनों देशों के बीच साझेदारी के तहत कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की संभावना जताई जा रही है, जैसे कि वित्तीय सेवाएं, स्मार्ट शहरों का विकास, और अन्य प्रौद्योगिकी से जुड़े क्षेत्रों में सहयोग।इसके अलावा, इस बैठक के दौरान क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा की गई, जिसमें भारत और सिंगापुर के आपसी हितों को ध्यान में रखते हुए रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने पर बल दिया गया।
सिंगापुर का भारत के लिए अहम स्थान है, क्योंकि यह एशिया का प्रमुख व्यापारिक और वित्तीय केंद्र है, और दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध और भी प्रगाढ़ हो सकते हैं, विशेष रूप से “आत्मनिर्भर भारत” और “मेक इन इंडिया” जैसे पहलुओं को ध्यान में रखते हुए।