छठ पूजा महापर्व सबसे पहले श्रीराम की पत्नी मां सीता ने शुरू किया

बिहार में छठ पूजा का अत्यधिक महत्व है, और इसके साथ जुड़ी विभिन्न मान्यताएँ और कथाएँ इस पर्व की ऐतिहासिक और धार्मिक गहराई को दर्शाती हैं। मां सीता और छठ पूजा की मान्यता बहुत दिलचस्प है। कहा जाता है कि सबसे पहले श्रीराम की पत्नी, मां सीता ने छठ पूजा की शुरुआत की थी। यह मान्यता खासकर बिहार और उत्तर भारत में प्रचलित है। सीता जी ने इस पूजा को विशेष रूप से गंगा तट पर संपन्न किया, और इसके बाद ही यह पर्व व्यापक रूप से प्रचलित हुआ।

साथ ही, छठ पूजा के ऐतिहासिक और धार्मिक संदर्भ में राजा प्रियवत की कथा भी बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। पुराणों में इस कथा का उल्लेख मिलता है, जिसमें राजा प्रियवत ने सूर्य देव की पूजा की थी, और इसके बाद यह पूजा समाज में फैल गई। मुंगेर का नाम भी छठ पूजा से गहरे रूप से जुड़ा हुआ है। यहां के गंगा तट को विशेष रूप से पवित्र माना जाता है। मुंगेर में छठ पूजा का आयोजन विशेष धूमधाम से होता है और यह क्षेत्र इस पूजा का एक प्रमुख केंद्र बन चुका है।

छठ पूजा का प्रमुख उद्देश्य सूर्य देव की पूजा करके उनकी कृपा प्राप्त करना और जीवन में समृद्धि, सुख, और स्वास्थ्य की कामना करना है। इस दौरान श्रद्धालु कड़े व्रत रखते हैं, नदी या तालाब के किनारे जाकर सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं। इस दिन, खासकर कार्तिक माह की षष्ठी तिथि को, सूर्य देवता के प्रति आभार व्यक्त किया जाता है। इस पर्व की लोकप्रियता अब न केवल बिहार, बल्कि अन्य राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, झारखंड, पश्चिम बंगाल, और नेपाल में भी बढ़ चुकी है, जहाँ इसे बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है।

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