दिसपुर। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा ने हाल ही में कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए पार्टी को ‘बेशर्म’ करार दिया। उनका यह बयान संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर के नाम का राजनीतिक लाभ उठाने को लेकर था। शर्मा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने डॉ. आंबेडकर के नाम का इस्तेमाल राजनीतिक लाभ के लिए किया, जबकि कांग्रेस ने आंबेडकर के नाम पर कोई ठोस योजना या संस्थान स्थापित नहीं किया।
हिमंत बिस्वा शर्मा ने कहा, “कांग्रेस को कोई शर्म नहीं है। जिस पार्टी ने आपातकाल लगाया, संविधान को निलंबित किया, और लोकतंत्र की हत्या की, वही कांग्रेस आज संविधान के नाम पर जुलूस निकाल रही है।” उन्होंने कांग्रेस के उस समय के शासन को लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन और संविधान का अपमान करने वाला बताया।
शर्मा ने कांग्रेस की नीति पर आरोप लगाया कि उन्होंने जवाहरलाल नेहरू के परिवार के नेताओं के नाम पर अनगिनत योजनाएं शुरू कीं और संस्थान स्थापित किए, लेकिन डॉ. आंबेडकर के नाम पर ऐसा कुछ नहीं किया। उनका यह आरोप था कि आंबेडकर के योगदान को नकारते हुए कांग्रेस ने उनके नाम को केवल राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल किया, जबकि उनके नाम पर ठोस विकासात्मक कदम नहीं उठाए गए।
शर्मा ने आपातकाल का उल्लेख करते हुए कहा कि यह वह समय था जब कांग्रेस सरकार ने संविधान को निलंबित किया और लोकतंत्र पर आक्रमण किया। उनका इशारा उन घटनाओं की ओर था, जब इंदिरा गांधी ने 1975 में आपातकाल लागू किया था, जिससे नागरिक स्वतंत्रताओं और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं पर गंभीर असर पड़ा था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के अन्य नेता अक्सर कांग्रेस पर संविधान और लोकतंत्र के प्रति सम्मान की कमी का आरोप लगाते रहे हैं, और हिमंत शर्मा ने इस मामले में भी यही रुख अपनाया। उनका कहना था कि आज जो पार्टी संविधान और डॉ. आंबेडकर के नाम पर राजनीति कर रही है, वही पार्टी एक समय लोकतंत्र की बुनियादी संरचना को नष्ट करने में जुटी थी।