देहरादून। उत्तराखंड पंचम विधानसभा के मानसून सत्र में कांग्रेस विधायकों के निलंबन का मुद्दा उठाया गया। कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह और नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने इस मुद्दे को मुखरता से उठाया। इसके बाद विस अध्यक्ष ने कांग्रेस विधायकों का निलंबन वापस ले लिया।
बीती 14 मार्च को गैरसैंण में विधानसभा सत्र के दौरान हंगामा करने पर कांग्रेस विधायकों को निलंबित कर दिया था। इस निलंबन के विरुद्ध कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने विधानसभा में कहा कि यह निलंबन नियम के तहत नहीं हुआ है। इसे निरस्त किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से भी किसी के द्वारा निलंबन का प्रस्ताव नहीं रखा गया था, इसलिए यह निलंबन गलत था। प्रीतम सिंह ने कहा कि लोकसभा और राज्यसभा में भी सांसदों का निलंबन सरकार की तरफ प्रस्ताव रखे जाने पर ही होता है। इस सवाल पर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूडी भूषण ने बजट सत्र के दौरान निलंबित कांग्रेस विधायकों को निलंबन वापस कर दिया।
नेता प्रतिपक्ष ने उठाया सत्र की अवधि का प्रश्न-
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने सत्र की अवधि का प्रश्न उठाया। उन्होंने कहा कि सत्र की अवधि काफी कम रखी गई है। प्रीतम पंवार के बाद नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने व्यवस्था के सवाल के तहत सत्र की अवधि बढ़ाने का आग्रह किया। यशपाल आर्य ने कहा कि सदन की नियमावली के हिसाब से साल में 60 दिन विधानसभा सदन चलना चाहिए।
नेता प्रतिपक्ष ने प्रश्न किया कि अल्प सूचना में ये सत्र क्यों बुलाया गया है? नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सदन आहूत होने की सूचना 14 दिन पहले देनी होती है। इस पर संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने तमाम नियमों का हवाला दिया। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूडी ने कहा कि पूर्व में सूचना दी गई थी।