इस्लामाबाद। इस्लामाबाद की स्थानीय अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और बुशरा बीबी के निकाह को गैर इस्लामी विवाह मानते हुए कोर्ट ने इमरान की व्यक्तिगत उपस्थिति पर जोर दिया है। वहीं, अटॉक जेल के अधीक्षक ने सुरक्षा जोखिमों के कारण उन्हें अदालत के सामने पेश करने के लिए असमर्थता व्यक्त की है।
वहीं इससे पहले पाकिस्तान की एक शीर्ष अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को पंजाब प्रांत की अटक जेल से रावलपिंडी के गैरीसन शहर में उच्च सुरक्षा वाली अदियाला जेल में स्थानांतरित करने का सोमवार को आदेश दिया। जानकारी के अनुसार इस जेल में कमरे के साथ बाथरूम भी है। खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने यह जानकारी दी।
रिपोर्ट के अनुसार, इस्लामाबाद की स्थानीय अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को बुशरा बीबी के साथ गैर इस्लामी विवाह से संबंधित एक मामले में 25 सितंबर (सोमवार) को तलब किया है। बुशरा बीबी के साथ खान का निकाह संपन्न कराने वाले एक पाकिस्तानी मौलवी ने कहा था कि यह समारोह इस्लामी शरिया कानून के अनुसार आयोजित नहीं किया गया था। 2018 में जोड़े की इस्लामिक शादी को संपन्न कराने वाले मौलवी मुफ्ती सईद ने अप्रैल में कहा था कि शादी बुशरा बीबी की इद्दत अवधि के दौरान हुई थी।
आपको बता दें कि तलाक या पति की मौत के बाद मुस्लिम महिला को करीब चार महीने तक पर्दे में रहना होता है, जिसे ‘इद्दत’ कहा जाता है।
बुशरा बीबी खान की तीसरी पत्नी हैं। वह लगभग 40 वर्ष की हैं, पंजाब के जमींदार परिवार से हैं। उनकी पहली शादी खावर फरीद मनेका से हुई, जो लगभग 30 साल तक चली। बुशरा राजनीतिक रूप से प्रभावशाली पंजाब परिवार से हैं। अटॉक जेल अधीक्षक ने सिविल जज कुदरतुल्लाह को एक पत्र लिखकर सुरक्षा जोखिमों का हवाला देते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री संघीय जांच में एक हाई-प्रोफाइल अंडर-ट्रायल कैदी थे। एजेंसी (एफआईए) काउंटर टेररिज्म विंग (सीटीडब्ल्यू) का सिफर मामला आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत दायर राज्य रहस्यों के कथित खुलासे से संबंधित है।
पार्टी ने कहा कि आईएचसी ने मामले की सुनवाई करते हुए यह आदेश जारी किया है। पार्टी ने आगे जानकारी देते हुए कहा कि आईएचसी के मुख्य न्यायाधीश ने पीटीआई अध्यक्ष इमरान खान को अटक जेल से रावलपिंडी की अदियाला जेल में स्थानांतरित करने का आदेश दिया है।